राजगढ़

कई राज्यों में किसानों से करोड़ों की ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश - सरगना सहित 14 आरोपी गिरफ्तार ,16 लाख 16 हजार नगद, i 20 कार कीमत 10 लाख, 28 मोबाइल कीमत 56 हजार , राजगढ़ पुलिस ने 26 लाख 72 हजार रुपए का मशरूका किया जप्त।

राजगढ़

राजगढ़ पुलिस ने एक बार फिर अपनी सतर्कता, सूझबूझ और उत्कृष्ट टीमवर्क का परिचय देते हुए अंतरराज्यीय ठगों की कमर तोड़ दी है जो छत्तीसगढ़ बिहार, राजस्थान, झारखंड एवं मध्य प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के किसानों को निशाना बनाकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी कर रहे थे।

14 सदस्यों के इस बड़े ठगी गिरोह को पुलिस ने योजनाबद्ध एवं सटीक कार्रवाई में उत्तर प्रदेश से दबोच लिया।

यह गैंग वर्ष 2024 में खंडवा, सीहोर, विदिशा, शाजापुर, राजगढ़ जिलों में “फॉर्मर फर्स्ट च्वाइस” एवं “ब्राइट इंडिया एग्रोटेक” जैसी फर्जी कंपनियों के नाम पर भोले-भाले किसानों से लाखों की राशि ठग चुका था तथा वर्तमान में यह गिरोह रतलाम, नीमच, मंदसौर व राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में सक्रिय होने की तैयारी में था।

*गैंग की प्रमुख विशेषताएँ*

• सभी पहचान दस्तावेज—नाम, पता, मोबाइल नंबर—पूरी तरह फर्जी हजारों किलोमीटर दूर से आकर अपराध करना

• फर्जी सिम कार्ड, फर्जी बैंक खाते और फर्जी कंपनियों का उपयोग

• पहचान छुपाने हेतु किराए पर अलग-अलग कमरे

• अधिकांश आरोपी कानून और तकनीक की बारीकियों के विशेषज्ञ

• घटना के 3–4 माह बाद पूरे क्षेत्र से गायब हो जाते थे

• इस कारण गिरोह को ट्रेस करना अत्यंत जटिल और चुनौतीपूर्ण था।

 

राजगढ़ पुलिस की कार्रवाई

किसानों से संबंधित इस गंभीर अपराध को विशेष रूप से संज्ञान में लेते हुए

पुलिस अधीक्षक राजगढ़ श्री अमित तोलानी (IPS)

ने गैंग को चिन्हित कर गिरफ्तारी हेतु निर्देश दिए। उन्होंने प्रकरण की स्वयं समीक्षा कर प्रत्येक बिंदु पर बारीकी से मार्गदर्शन प्रदान किया।

निर्देशानुसार

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री एल. बंजारे तथा

अनुविभागीय अधिकारी पुलिस नरसिंहगढ़ सुश्री मिनी शुक्ला (IPS)

के नेतृत्व में थाना प्रभारी नरसिंहगढ़ निरीक्षक शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में एक विशेष टीम गठित की गई।

टीम ने—

( तकनीकी डाटा विश्लेषण

( अन्य राज्यों की घटनाओं का तुलनात्मक अध्ययन

( संदिग्ध व्यक्तियों के मूल स्थानों का सत्यापन

( गुप्त निगरानी के आधार पर गैंग की वास्तविक पहचान व लोकेशन चिन्हित की।

राजगढ़ पुलिस की उच्च स्तरीय रणनीति, सूझबूझ और जोखिमपूर्ण संयुक्त कार्रवाई के परिणामस्वरूप दूसरे राज्य से 14 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

 

*अपराध का तरीका (Modus Operandi)*

1. लक्ष्य क्षेत्र का चयन

– अपने गृह राज्य से हजारों किलोमीटर दूर ऐसे जिले चुनते जहाँ वे अनजान रहें।

– मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड सहित कई राज्यों में लगातार स्थान बदलते।

2. फर्जी कंपनियाँ तैयार करना

– किसानों को प्रभावित करने वाले नामों से फर्जी कंपनियाँ खोलते—

जैसे “फॉर्मर फर्स्ट च्वाइस”, “ब्राइट इंडिया एग्रोटेक” आदि।

– कंपनी के लेटरहेड, सील, बैनर, विजिटिंग कार्ड आदि पूरी तरह प्रोफेशनल बनाए जाते।

3. दूसरों के नाम पर सिम व बैंक खाते

– गरीब व अनजान लोगों को लालच देकर उनके नाम से

✔️ फर्जी सिम कार्ड

✔️ फर्जी पता

✔️ बैंक खाते

✔️ कंपनी दस्तावेज

बनवाते।

– अपनी वास्तविक पहचान पूरी तरह छुपा कर रखते।

4. “ऑफिस सेटअप” करके विश्वास बनाना

– किराए से कमरे लेकर अस्थायी ऑफिस बनाते।

– कंपनी प्रतिनिधि बनकर किसानों को

✔️ उन्नत पौधों,

✔️ पाली हाउस,

✔️ सब्सिडी,

✔️ फ्रेंचाइज़ी

दिलाने का लालच देते।

5. किसानों को जाल में फँसाने की प्रक्रिया

– गाँव-गाँव जाकर किसानों से संपर्क करते।

– सरकारी योजनाओं जैसा माहौल बनाकर भरोसा जीतते।

– सर्वे, रसीद, एग्रीमेंट जैसे दस्तावेज बनाकर पैसे ऐंठते।

6. रकम वसूली

– किसानों से नकद व ऑनलाइन दोनों माध्यमों से बड़ी रकम वसूलते।

– पैसों को तुरंत अलग-अलग फर्जी खातों में ट्रांसफर कर देते।

7. घटना के 3–4 महीनों में पूरा गैंग गायब

– पैसे मिलते ही पूरा गैंग क्षेत्र छोड़ देता।

– फर्जी खाते बंद कर दिए जाते।

– किराए के कमरे और ऑफिस खाली छोड़ भाग जाते।

8. पहचान मिटाने की रणनीति

– हर जगह अलग पहचान, अलग नाम और अलग मोबाइल नंबर इस्तेमाल करते।

– फर्जी दस्तावेज और फर्जी सिम की वजह से ट्रेसिंग अत्यंत चुनौतीपूर्ण हो जाती।

प्रकरण पंजीकरण

थाना नरसिंहगढ़ में किसानों की शिकायत पर

अपराध क्रमांक 548/25 धारा 316(5), 318(4) BNS का प्रकरण पंजीबद्ध।

 

*गिरफ्तार आरोपीगण*

 दीपक पांडे पिता अनिल पांडे, 38 वर्ष, ग्राम चंडेरिया

धनंजय पांडे पिता शैलेन्द्र पांडे, 32 वर्ष, ग्राम चंडेरिया थाना गगहा, गोरखपुर

प्रभाकर पिता सुरेंद्र नाथ पांडे, 50 वर्ष, ग्राम सकरी थाना गगहा, गोरखपुर

चंद्रभूषण पिता कनक चंद, 40 वर्ष, ग्राम नरे बुजुर्ग थाना गगहा

सोनू चौबे पिता रामजी चौबे, 32 वर्ष, ग्राम तारविशनपुर थाना तुर्कपट्टी, कुशीनगर

चंदन पिता अशोक पांडे, 23 वर्ष, ग्राम भवनपोखर थाना गगहा

चंदन पिता निरंजन प्रजापति, 26 वर्ष, ग्राम बेटाबर थाना जमानिया, गाजीपुर

रघुनाथ पिता राम गणेश गुप्ता, 38 वर्ष, ग्राम बनकसही थाना मुड़ेरेवा, बस्ती

विक्की पिता हरेंद्र पांडे, 25 वर्ष, ग्राम भवनपोखर, गोरखपुर

दिलीप वर्मा पिता रामकिशन वर्मा, 22 वर्ष, ग्राम मदुआ थाना गैरमा

सन्नी यादव पिता अनिल यादव, 19 वर्ष, ग्राम राजगढ़ थाना गोला, गोरखपुर

ओम प्रकाश पिता विजयनारायण सिंह राजपूत, 41 वर्ष, ग्राम भैंसाहा थाना गगहा

कुंदन पिता निरंजन प्रजापति, ग्राम बेटाबर थाना जमानिया

नंदमोहन पांडे पिता सीताराम पांडे, 35 वर्ष, ग्राम चंडेरिया थाना गगहा

 

*जप्त मशरूका* (कुल मूल्य — ₹ 26,72,000)

✔ नगद राशि — ₹ 16,16,000

✔ कार (कीमत) — ₹ 10,00,000

✔ कुल 28 मोबाइल फोन — ₹ 56,000

कुल जप्त मशरूका मूल्य = ₹ 26,72,000

 

*कार्रवाई में योगदान देने वाले अधिकारी/कर्मचारी*

अनुविभागीय अधिकारी पुलिस नरसिंहगढ़ — सुश्री मिनी शुक्ला (IPS) के नेतृत्व में—

थाना नरसिंहगढ़ टीम

निरीक्षक शिवराज सिंह चौहान (थाना प्रभारी)

उप निरीक्षक राजनेश सिरोठिया

उप निरीक्षक गुंजा जमादार

प्रधान आरक्षक केशव सिंह राजपूत

प्रधान आरक्षक दीपक यादव

प्रधान आरक्षक सुरज चांवरिया

आरक्षक धर्मेंद्र रघुवंशी आरक्षक जगन यादव आरक्षक सुनील मीणा आरक्षक राघवेंद्र शर्मा

महिला आरक्षक मोनिका परमार आरक्षक चालक बलराम जमरा

प्रधान आरक्षक हृदेश प्रधान आरक्षक गजेंद्र सिंह प्रधान आरक्षक प्रताप प्रधान आरक्षक मुकेश वर्मा

आरक्षक राजेश धवन आरक्षक लाला राम आरक्षक दीपक मेवाड़े आरक्षक धर्मेंद्र गुर्जर आरक्षक रजनीश मीणा

 

*अन्य थाना अधिकारी*

उप निरीक्षक राकेश दामले (थाना तलेंन)

उप निरीक्षक आदित्य सोनी (थाना जीरापुर)

उप निरीक्षक गोविंद मीणा (थाना ब्यावरा शहर)

उप निरीक्षक अभय सिंह (थाना प्रभारी मलावर)

उप निरीक्षक राहुल सेंधव

 

*तकनीकी टीम*

उप निरीक्षक जितेन्द्र अजनारे

उप निरीक्षक तोरण सिंह

सहायक उप निरीक्षक शादाब खान

प्रधान आरक्षक शशांक प्रधान आरक्षक कुलदीप 

आरक्षक पवन  आरक्षक अंतिम आरक्षक शुभम आरक्षक सुमित

 

*आमजन से अपील*

जिले के सभी नागरिकों से अनुरोध है कि—

 किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फर्जी कंपनियों, उन्नत पौधों, पालीहाउस, फ्रेंचाइज़ी, सब्सिडी, या कृषि योजनाओं के नाम पर मांगी जा रही राशि पर तुरंत सतर्क हों।(

 किसी भी अनजान व्यक्ति को नगद राशि न दें और बिना सत्यापन के किसी के खाते में धनराशि ट्रांसफर न करें।(

 किसी भी कंपनी या व्यक्ति की पहचान, लाइसेंस, जीएसटी, पते और मोबाइल नंबर की वास्तविकता अवश्य जांचें।(

 किसी भी संदिग्ध गतिविधि, संदिग्ध व्यक्ति या ठगी के प्रयास की सूचना तत्काल Dial–112 या नजदीकी थाने में दें।(

 सोशल मीडिया व इंटरनेट पर मिलने वाले लुभावने ऑफर या भारी मुनाफे के झांसे में न आएँ।(

अपने दस्तावेज, बैंक विवरण, OTP, ATM PIN किसी के साथ साझा न करें।

किसानों एवं आम नागरिकों की मेहनत की कमाई की सुरक्षा राजगढ़ पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

सतर्क रहें – सुरक्षित रहें।