त्याग और बलिदान का प्रतीक पर्व ईदुज्जुहा नगर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस अवसर पर स्थानीय ईदगाह के साथ जामा मस्जिद और हुसैनी मस्जिद में ईद की नमाज़ अदा की गई !
ईदगाह पर ईदुज्जुहा की नमाज़ जामा मस्जिद के इमाम हाफ़िज़ अरशद खान द्वारा अदा करवाई गई !
ईद के इस मौके पर मुफ्ती शाकिर फलाही ने कहा कि कुर्बानी की परंपरा की शुरुआत उस समय से मानी जाती है जब हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने अपने स्वप्न को ईश्वरीय आदेश मानकर उसका पालन किया। यह आज्ञापालन और त्याग की पराकाष्ठा थी, जो आज भी एक नैतिक आदर्श के रूप में पूरी दुनिया के मुसलमानों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। कुर्बानी का अर्थ केवल जानवर का वध करना नहीं है,
बल्कि यह उस भावना का प्रदर्शन है जिसमें एक इंसान अल्लाह (परमेश्वर) के आदेश के सामने पूरी तरह समर्पण कर देता है।
यह पर्व हमें सिखाता है कि हम अपने अहंकार, स्वार्थ, लोभ, और बुराइयों को कुर्बान करें, ताकि हम एक श्रेष्ठ इंसान बन सकें। ईदुजुहा का पर्व हमको त्याग और बलिदान पैगाम देता है नमाज के बाद सभी ने हाथ उठाकर परवर दिगार से मुल्क में खुशहाली,अमन,भाईचारे और सलामती के लिए दुआ मांगी !
ईद की नमाज़ के बाद सभी मुस्लिम धर्मावलंबी ने गले मिल कर एक दूसरे को ईद की मुबारकबाद पेश की अंजुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन के सदर इकबाल हुसैन ने ईद की मुबारकबाद देते हुऐ आयोजन को सफल बनाने में पुलिस प्रशासन और नगरपालिका के बेहतरीन इंतजाम के लिए आभार प्रकट किया ।
इस अवसर पर हाजी नासिर हुसैन कुरैशी, हाजी फिरोज खान, सैय्यद इमरान अली, सैय्यद वकार अली,सैयद मोहम्मद अली, शमीम अहमद,आफताब खान,कल्लू खां मंसूरी, रईस खान, कमरुद्दीन खान,रशीद खान फौजी, इफ़्तेखारुद्दीन खान, सैयद शौकत अली,फ़रीद अहमद,नवाब खान, रिजवान अंसारी, युनुस अहमद,समीर खान, हमीद शेख, नफ़ीस अंसारी,आमिर खान, अनवर हुसैन भय्यु, नुरुद्दीन राईन, डॉ. अलताफ मंसूरी, जाकिर हुसैन, साकिब हुसैन अन्नु गौरी,सोहेल अगवान,अनीस खान, मोहम्मद हुसैन फारुख अंसारी सैयद अलीम आदि उपस्थित रहे !