प्रथम घटना वाला आवेदन।
12.4.25 की रात्रि 11:30 बजे हुई महिला के घर में मारपीट और लूट की घटना को पुलिस ने विवेचना के नाम से तीन दिन तक फरियादी पक्ष को घुमाया इसी बीच आरोपी पक्ष द्वारा मिली भगत से बिना विवेचना और बिना सूचना के एफआईआर दर्ज कर दी गई थी , ताकि लूट के आरोपियों के साथ समंजन कर राजीनामा करवा दिया जाए, लेकिन मजे की बात तो यह है कि 12 तारीख रात 3:30 बजे जब फरियादी पक्ष कोतवाली थाने जाकर हंड्रेड डायल पॉइंट को साथ लेकर जाने के लिए थाने पहुंचे तब जो ड्यूटी अधिकारी थे उसको पूरी घटना बताने के बाद हंड्रेड पॉइंट को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे थे ,लेकिन मजे की बात तो यह है कि जब 14 तारीख को आरोपियों द्वारा झूठी घटना बनाकर रिपोर्ट दर्ज कराई गई जब 14 तारीख की दिन में भी वही अधिकारी ने रिपोर्ट दर्ज कर ली जिसको 12 तारीख रात की पूरी घटना की जानकारी थी , बावजूद बिना संज्ञान लिए एफआईआर दर्ज कर ली, ना आरोपियों से सत्यता की पुष्टि की और ना ही मौके पर जाकर कोई साक्ष लिया , 14 ,4 ,2025 को ड्यूटी अधिकारी के पास इस प्रकरण में किस-किस के फोन आए इसकी भी जांच की जाना चाहिए ,जबकि बताई गई घटना स्थल के आसपास हर जगह सरकारी सीसीटीवी कैमरे मौजूद है फिर भी किसी तरह का कोई साक्ष नहीं लिया और झूठी घटना बनाकर एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की मदद की गई। जबकि आरोपी पक्ष पूर्व में भी गंभीर आरोपों का आरोपी रहे हैं।
*01. शाहरूख पिता मुन्ना शाह निवासी टेकरा मस्जिद के पीछे राजगढ़ पर दर्ज प्रकरण -*
(1),, अप. कमांक 104/2018 धारा 294,323, 506, 34 भादवि का पंजीबध्द है।
(2),, अप. कमांक 205/22 धारा 294,323,506,34 भादवि का पंजीबध्द है।
(3),, अप. कमांक 305/2022 धारा 4क सट्टा एक्ट का पंजीबध्द है।
(4),, अप. कमांक- 208/2025 धारा 309 (6), 332 बी, बीएनएस लुट का पंजीबध्द है।
12 तारीख को रात्रि 11:30 बजे अकेली महिला के घर में घुसकर घटना को अंजाम देने के बावजूद पुलिस जांच का बहाना लेकर 3 दिन तक फरियादियों को घूमाती रही लेकिन जिला कप्तान पुलिस अधीक्षक श्री आदित्य मिश्रा के हस्तक्षेप के बाद कोतवाली पुलिस ने 15 तारीख को मुकदमा दर्ज किया ,बावजूद ऐसे अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर राजगढ़ कोतवाली पुलिस की मेहरबानी दिख रही है ,, 15,4 , 2025 को लूट का मुकदमा दर्ज के बावजूद आज तक पुलिस अपनी मेहरबानी दिखाए हुए हैं , पुलिस की मेहरबानी के चलते सट्टा कारोबारी के हौसले इतने बुलंद है कि अपराध दर्ज होने के बावजूद भी खुले में सट्टे का कारोबार कर रहे हैं, कभी नीचे बस स्टैंड पर तो कभी कब्रिस्तान बाउंड्री कलेक्ट बंगले के सामने दिखाई देते हैं , लेकिन पुलिस मुख्य दर्शक बनी हुई है।
राजगढ़ एसडीओ पि को जांच प्रतिवेदन।
नीचे झूठे प्रकरण दर्ज के जांच हेतु दीया गय राजगढ़ पुलिस अधीक्षक को।
हद तो जब हो गई की महिला ने 12 तारीख को हंड्रेड डायल पर शिकायत कर पुलिस बुलाकर पूरा घटना की जानकारी दी और पुलिस ने मौका मुआइना कर वीडियो भी बनाएं जो फरियादी महिला के घर से सामान गया था वह आरोपियों को घर में पाया गया जिसका हंड्रेड डायल पूरा साक्षी है फिर भी तीन दिन तक अपराध पंजीबद्ध नहीं हुआ लेकिन इसी बीच सट्टा कारोबारी के हस्तक्षेप से 14 ,04,2025 को पुलिस ने बिना विवेचना के एक पत्रकार एवं तीन अन्य लोगों पर मुकदमा दर्ज कर दिया जिससे कि प्रकरण में राजीनामा का दबाव बनाया जा सके और राजीनामा हो सके यह आखिर किसके इशारे पर चल रहा है ,यह जांच का विषय है कि इन सट्टा कारोबारी और पुलिस के बीच में दलाली कौन कर रहा है, उन दलालों पर भी शीघ्र कठोर कार्रवाई किया जाना उचित है। फरियादी पक्ष ने अपनी गुहार SP Rajgarh से लगाते हुए नीवेदन किया है , कि इस पर संज्ञान ले दोषियों पर कठोर कार्यवाही करें ।,, ताकि फरियादियों पर, आरोपी पक्ष द्वारा पुनः कोई नया षड्यंत्र ना रचा जाए , क्योंकि आरोपी पक्ष लोगों की झूठी शिकायतें कर लोगों को प्रताड़ित करने के आदी है, जिसका राजगढ़ कोतवाली में कई बार के प्रमाण है। राजगढ़ कोतवाली का जो पुलिस अधिकारी कर्मचारी इन आरोपियों के मनसा अनुरूप कार्य नहीं करता है तो उसको हर बार सीएम हेल्पलाइन करके परेशान किया जाता है जिसका प्रमाण राजगढ़ कोतवाली में है उसकी भी जांच की जाए । साथ ही राजगढ़ पुलिस अधीक्षक एवं भोपाल संभाग पुलिस महानिदेशक तत्काल इस पर कर उचित एवं दंडित कार्यवाही की जाए।